Chandipura Virus Gujarat
स्वाइन यानी सूअर के शरीर में मौजूद चांदीपुरा वायरस ने गुजरात में दस्तक दी है। दो महीने के अंदर ही इस वायरस ने 9 लोगों की जान ले ली है। इसमें से 8 मौतें पिछले 10 दिनों के भीतर ही हुई हैं। इस वायरस से संक्रमित अब तक 60 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।
क्या है चांदीपुरा वायरस?
चांदीपुरा वायरस एक बेहद संक्रामक वायरस है। यह वायरस सूअर के शरीर में होता है। संक्रमित सूअर के मांस के संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। इस वायरस के कारण बुखार, खांसी, जुकाम, दस्त, उल्टी और सिरदर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं। गंभीर मामलों में निमोनिया और सेप्सिस जैसी जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं।
कैसे फैलता है चांदीपुरा वायरस?
यह वायरस संक्रमित सूअर के मांस के संपर्क में आने से फैलता है। मांस पकाने या खाने से पहले उसे अच्छी तरह से पकाना जरूरी होता है। साथ ही, संक्रमित सूअरों या उनके मांस के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है।
क्या चांदीपुरा वायरस का इलाज है?
वर्तमान में चांदीपुरा वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है। एंटीवायरल दवाएं और सहायक उपचार से इस वायरस का इलाज किया जा सकता है।
चांदीपुरा वायरस से कैसे बचें?
इस वायरस से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं:
- सूअर के मांस को अच्छी तरह से पकाएं।
- संक्रमित सूअरों या उनके मांस के संपर्क में आने से बचें।
- बिना हाथ धोए किसी भी चीज को मुंह पर न लगाएं।
- बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें।
- खांसी या छींक आने पर मुंह और नाक को ढकें।
- बार-बार हाथ धोएं।
गुजरात में चांदीपुरा वायरस का प्रकोप
गुजरात में चांदीपुरा वायरस का प्रकोप तेज हो गया है। पिछले 10 दिनों में ही 8 लोगों की मौत इस वायरस से हो चुकी है। सबसे ज्यादा मौतें राजकोट और अहमदाबाद में हुई हैं। सरकार इस वायरस से निपटने के लिए कदम उठा रही है। प्रभावित इलाकों में टीमें भेजी गई हैं और लोगों को जागरूक किया जा रहा है।