CJI चंद्रचूड़: एक न्यायाधीश जिसने निरंतर न्याय किया है




न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, एक ऐसे न्यायविद हैं जिनकी प्रतिष्ठा एक बुद्धिमान और प्रगतिशील न्यायाधीश के रूप में है। न्याय की निरंतर खोज में उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं, जो हमारे समाज को आकार देना जारी रखते हैं।

मुंबई में एक कानूनी परिवार में जन्मे चंद्रचूड़ ने अपनी शिक्षा सेंट कोलंबा स्कूल और मुंबई विश्वविद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम की उपाधि प्राप्त की। उनकी कानूनी यात्रा 1998 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में शुरू हुई और अंततः उन्होंने 2016 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला।

  • न्यायिक सक्रियता: चंद्रचूड़ को उनके न्यायिक सक्रियता के लिए जाना जाता है, जिसके द्वारा उनका मानना है कि न्यायपालिका को जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए एक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
  • सामाजिक न्याय: उन्होंने हमेशा हाशिए पर रहने वाले समूहों, जैसे कि एलजीबीटीक्यू+ समुदाय और महिलाओं के अधिकारों की वकालत की है।
  • न्यायिक सुधार: चंद्रचूड़ न्यायिक व्यवस्था में सुधार करने के प्रबल समर्थक हैं।
    • अपने पूरे करियर में, चंद्रचूड़ ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं, जिनमें शामिल हैं:

      • नाबालिगों का यौन अपराध: उन्होंने भारतीय दंड संहिता में धारा 375 को अपराधिक बनाते हुए फैसला सुनाया, जो 12 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध को बलात्कार मानता है, भले ही वह सहमत हो।
      • एलजीबीटीक्यू+ अधिकार: उन्होंने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया और एलजीबीटीक्यू+ व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा की।
      • गोपनीयता का अधिकार: उन्होंने गोपनीयता के अधिकार को एक मौलिक अधिकार घोषित किया, जिससे लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा का अधिकार मिला।

      न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं जिन्होंने न्याय के लिए अपने अटूट जुनून और कानून के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह एक सच्चे नायक हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक榜ी और मार्गदर्शक के रूप में सेवा करना जारी रखेंगे।