CJI चंद्रचूड का भारतीय न्यायपालिका को बदलना




जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड भारतीय न्यायपालिका के एक चमकते सितारे हैं। वह भारत के 50वें और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्हें अपनी प्रगतिशील सोच, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और न्यायपालिका में सुधार लाने के अथक प्रयासों के लिए जाना जाता है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
चंद्रचूड का जन्म 11 नवंबर, 1959 को मुंबई में एक प्रतिष्ठित कानूनी परिवार में हुआ था। उनके पिता, वाई.वी. चंद्रचूड, भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे। चंद्रचूड ने सेंट कोलंबा स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की।
करियर और उपलब्धियां:
चंद्रचूड ने अपने करियर की शुरुआत बॉम्बे हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में की। उन्हें 2000 में बॉम्बे हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 2013 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। मई 2016 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
सुप्रीम कोर्ट में, चंद्रचूड ने कई ऐतिहासिक और मील के पत्थर वाले निर्णय दिए हैं। उन्होंने अनुच्छेद 377 को रद्द करने, आधार योजना की वैधता बनाए रखने और महिला अधिकारों को बढ़ावा देने वाले फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारतीय न्यायपालिका का परिवर्तन:
चंद्रचूड को भारतीय न्यायपालिका को बदलने और इसे अधिक सुलभ, कुशल और निष्पक्ष बनाने के लिए उनके अथक प्रयासों के लिए जाना जाता है। उन्होंने ई-कोर्ट परियोजना और न्यायिक सुधार पहलों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक नई नज़ीर स्थापित की है, जिसमें पारदर्शिता, जवाबदेही और न्यायिक कार्यवाही में नागरिकों की भागीदारी पर जोर दिया गया है। चंद्रचूड न्यायपालिका की स्वतंत्रता के प्रबल समर्थक हैं और उन्होंने सरकार के हस्तक्षेप का लगातार विरोध किया है।
व्यक्तिगत गुण:
चंद्रचूड एक विनम्र और सुलभ व्यक्ति हैं। वह अपनी सहानुभूति, न्याय के प्रति जुनून और सार्वजनिक सेवा के लिए अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। वह एक उत्कृष्ट लेखक हैं और उनकी कानूनी समझ और स्पष्ट लेखन शैली के लिए सराहना की जाती है।
भविष्य की आकांक्षाएं:
चंद्रचूड की न्यायपालिका को बदलने और इसे अधिक न्यायसंगत और निष्पक्ष बनाने की आकांक्षाएं हैं। वह न्यायिक व्यवस्था में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने और न्याय तक पहुंच में सुधार करने के लिए प्रयासरत हैं।
निष्कर्ष:
जस्टिस चंद्रचूड एक दूरदर्शी न्यायाधीश और न्यायपालिका में एक परिवर्तनकारी व्यक्ति हैं। उनकी प्रगतिशील सोच, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और सुधारों के प्रति जुनून ने भारतीय न्यायपालिका को आकार दिया है और इसे भविष्य के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित किया है। वह एक प्रेरणा हैं और भारतीय नागरिकों के लिए न्याय और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।