Dussehra




Dussehra, एक हिंदू उत्सव जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, हर साल पूरे भारत में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। "दशहरा" शब्द संस्कृत शब्द "दश" (दस) और "हरा" (हार) से बना है, जो कि बुराई पर अच्छाई की अंतिम जीत का प्रतीक है।

दुर्गा पूजा का अंतिम दिन

दुर्गा पूजा के नौ दिनों के बाद दशहरे का त्यौहार आता है। इस दिन, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं, जो शक्ति और साहस की देवी हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माँ दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था।

रामलीला और रावण दहन

दशहरे का एक प्रमुख आकर्षण रामलीला होती है, जो भगवान राम के जीवन और रामायण की कहानी का नाटकीय रूप है। रावण दहन दशहरे की एक और महत्वपूर्ण परंपरा है, जहाँ बुराई का प्रतीक रावण के पुतले को जलाया जाता है।

विजयदशमी

दशहरा को विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है "दसवीं विजय"। इस दिन, भक्त भगवान राम की विजय का जश्न मनाते हैं, जिन्होंने राक्षस राजा रावण को हराया था।

नए उद्यम की शुरुआत

दशहरा को नए उद्यम शुरू करने के लिए एक शुभ दिन माना जाता है। कई व्यवसाय और संगठन इस दिन नए प्रोजेक्ट शुरू करते हैं या नए वेंचर में निवेश करते हैं।

अस्त्र-शस्त्रों की पूजा

दशहरे पर, योद्धा अपने अस्त्र-शस्त्रों की पूजा करते हैं और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं। यह परंपरा अच्छाई की रक्षा और बुराई पर विजय की शक्ति का प्रतीक है।

सामाजिक सामंजस्य का प्रतीक

दशहरा एक ऐसा उत्सव है जो समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देता है। यह सभी जातियों, धर्मों और संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं।

विश्वास और आशा का संदेश

दशहरा हमें विश्वास और आशा का संदेश देता है। यह हमें याद दिलाता है कि भले ही बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में हमेशा अच्छाई की जीत होती है। यह उत्सव हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने और अच्छाई की शक्ति में विश्वास रखने के लिए प्रेरित करता है।