फाल्गुनी पाठक एक नाम जिसे गरबा की रानी के नाम से जाना जाता है। फाल्गुनी पाठक का जन्म 12 मार्च, 1969 गुजरात में हुआ था। उन्होंने अपनी संगीत की शिक्षा अपने पिता से ली। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1998 में अपने एल्बम "याद पिया की आने लगी" से की थी।
फाल्गुनी पाठक अपने गानों से लोगों के दिलों में राज करती हैं। उनके गाने नवरात्रि के त्योहार पर खूब बजते हैं। उनके कुछ लोकप्रिय गानों में "मैंने पायल है छनकाई", "मेरी चुनर उड़ उड़ जाए", "याद पिया की आने लगी", "सावन में" और "गुलाबी आँखें" शामिल हैं।
फाल्गुनी पाठक को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2000 में "सर्वश्रेष्ठ लोक गायिका" का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। उन्हें 2002 में "पद्म श्री" पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
फाल्गुनी पाठक न केवल एक गायिका हैं, बल्कि एक समाज सेविका भी हैं। उन्होंने कई सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लिया है और जरूरतमंद लोगों की मदद की है।
फाल्गुनी पाठक भारतीय संगीत उद्योग में एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। उनके गाने लोगों के दिलों को छू लेते हैं और उन्हें खुशी देते हैं। वह एक प्रेरणा हैं और उन्होंने कई लोगों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है।
फाल्गुनी पाठक एक ऐसी गायिका हैं जिनके गाने समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। उनके गाने आज भी लोगों के दिलों को छू लेते हैं और उन्हें खुशी देते हैं। वह एक प्रेरणा हैं और उन्होंने कई लोगों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है।