IAS की चांदनी से जगमगाता सितारा: डॉ पूजा खेडकर




आईएएस की दुनिया में, डॉ पूजा खेडकर एक चमकते हुए सितारे की तरह हैं। उनकी सफलता की गाथा प्रेरणा और महिला सशक्तिकरण की एक कहानी है।

एक विनम्र शुरुआत से

महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव में जन्मी और पली-बढ़ीं, पूजा बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थीं। वह हमेशा एक आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखती थीं, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ने इस सपने को लगभग असंभव बना दिया था।

संघर्ष और दृढ़ संकल्प

हालांकि, पूजा हार मानने वाली नहीं थीं। उन्होंने लगातार पढ़ाई की और अंततः उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल की। उनकी सफलता का श्रेय उनकी मेहनत, दृढ़ संकल्प और अपने सपनों को कभी न छोड़ने की उनकी प्रतिबद्धता को जाता है।

समाज में बदलाव लाना

एक आईएएस अधिकारी के रूप में, पूजा ने समाज में बदलाव लाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। महिला सशक्तिकरण से लेकर ग्रामीण विकास तक, उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया है। उनकी संवेदनशीलता और लोगों की मदद करने की उनकी इच्छा उन्हें एक आदर्श नेता बनाती है।

  • महिला सशक्तिकरण पर उनका काम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
  • उन्होंने महिलाओं के लिए स्व-सहायता समूहों की स्थापना की है और उन्हें वित्तीय साक्षरता और कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया है।

एक प्रेरणा

पूजा खेडकर युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं। उनकी कहानी बताती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से, सपनों को साकार किया जा सकता है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों।

भविष्य के लिए एक दृष्टि

पूजा खेडकर भविष्य को लेकर आशावादी हैं। उनका मानना है कि भारत युवाओं के नेतृत्व में एक समृद्ध और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रहा है।

"मैं युवाओं से आग्रह करती हूं कि वे अपने सपनों का पीछा करें। बाधाओं को आपको हतोत्साहित न होने दें। दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से, आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।" - डॉ पूजा खेडकर

डॉ पूजा खेडकर आईएएस अधिकारियों की एक नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं जो अपने समाज को बदलने और एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी कहानी एक वसीयतनामा है जो साहस, दृढ़ संकल्प और जनता की सेवा की अटूट भावना की है।