LTCG टैक्स : जान लेना जरूरी है ये अहम बातें




LTCG टैक्स (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स) क्या है?
LTCG टैक्स एक तरह का टैक्स होता है जो शेयर, म्यूचुअल फंड या अन्य कैपिटल एसेट्स को लंबी अवधि के लिए होल्ड करने पर होने वाले मुनाफे पर लगाया जाता है। यह टैक्स उन एसेट्स पर लगता है जिन्हें एक साल से अधिक समय तक होल्ड किया गया हो।
LTCG टैक्स कितना है?
LTCG टैक्स की दर एसेट के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होती है:
* इक्विटी शेयरों और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स पर 10%
* डेट इंस्ट्रुमेंट्स और डेट-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स पर 20%
LTCG टैक्स से छूट
कुछ मामलों में LTCG टैक्स से छूट मिल सकती है, जैसे:
* सालाना ₹1 लाख तक के मुनाफे पर
* घर की संपत्ति की बिक्री पर होने वाले मुनाफे पर (कुछ शर्तों के साथ)
LTCG टैक्स की गणना कैसे करें?
LTCG टैक्स की गणना इस तरह की जाती है:
LTCG टैक्स = (बिक्री मूल्य - अधिग्रहण मूल्य) * LTCG टैक्स दर
उदाहरण के लिए, यदि आपने एक साल पहले 1,00,000 रुपये में शेयर खरीदे और आज उसे 1,20,000 रुपये में बेचा, तो आपका LTCG इस तरह होगा:
LTCG = (1,20,000 - 1,00,000) * 10%
LTCG = 20,000 रुपये
इसलिए, आपको LTCG टैक्स के रूप में 2,000 रुपये चुकाने होंगे।
LTCG टैक्स को लेकर बहस
LTCG टैक्स एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। कुछ लोगों का तर्क है कि यह निवेश को हतोत्साहित करता है, जबकि अन्य का मानना है कि यह उन लोगों पर उचित टैक्स है जो कैपिटल एसेट्स से बड़ा मुनाफा कमाते हैं।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
यदि आप निवेशक हैं, तो आपको LTCG टैक्स के बारे में पता होना चाहिए। जब आप कोई कैपिटल एसेट होल्ड करते हैं तो हमेशा संभावित टैक्स दायित्वों पर विचार करें। आप कर बचाने के लिए LTCG टैक्स से छूट का भी उपयोग कर सकते हैं।
याद रखने वाली बातें
* LTCG टैक्स एक साल से अधिक समय तक होल्ड किए गए कैपिटल एसेट्स पर लाभ पर लगाया जाता है।
* LTCG टैक्स की दर एसेट के प्रकार के आधार पर भिन्न होती है।
* कुछ मामलों में LTCG टैक्स से छूट मिल सकती है।
* LTCG टैक्स एक विवादास्पद मुद्दा है।
* निवेशक LTCG टैक्स को ध्यान में रखते हुए निवेश निर्णय लें।