Maidaan




खेल के मैदान पर खिलाड़ी हो या दर्शक, सबकी नजर एक ही टारगेट पर होती है- गोल दागना। और जब गोल दागने वाले ही फॉर्म में न हों तो? तो टीम की जिम्मेदारी संभालता है कोच। मैदान पर खिलाड़ियों का मार्गदर्शन करने वाला और मैच जीतने का हुनर सिखाने वाला कोच।
माइदान पर दौड़ते, पसीना बहाते खिलाड़ियों के पीछे की कड़ी मेहनत और लगन की झलक तो दिखती है, लेकिन कभी सोचा है मैदान के बाहर कोच का सफर कैसा होता है? मैदान पर जीत दिलाने वाले कोच ज़िंदगी के मैदान पर किन चुनौतियों का सामना करते हैं? 'माइदान' इसी जंग को दिखाती है।
अजय देवगन अभिनीत 'माइदान' कहानी है एक ऐसे फुटबॉल कोच की जिसने जबरदस्त मेहनत और लगन से अपनी टीम को चैंपियन बनाया। 'माइदान' सिर्फ एक कहानी नहीं है, बल्कि है एक कोच की इच्छाशक्ति और जुनून की कहानी।
फिल्म में अजय देवगन ने एक ऐसे कोच का किरदार निभाया है जो अपने खिलाड़ियों के लिए एक गुरु से कम नहीं है। वह उन्हें सिर्फ फुटबॉल के हुनर नहीं सिखाता, बल्कि उन्हें ज़िंदगी की चुनौतियों का सामना करना भी सिखाता है।
फिल्म में अजय देवगन के अलावा, गजराज राव और रूही सिंह भी अहम भूमिकाओं में नज़र आ रहे हैं। गजराज राव ने फिल्म में एक ऐसे किरदार को निभाया है जो कोच के साथ मिलकर टीम को जीत दिलाने में मदद करता है। वहीं, रूही सिंह एक ऐसी पत्रकार की भूमिका में हैं जो कोच और उनकी टीम के संघर्ष की कहानी को दुनिया के सामने लाती है।
'माइदान' एक ऐसी फिल्म है जो आपको हंसाएगी, रुलाएगी और सोचने पर मजबूर कर देगी। यह फिल्म न सिर्फ एक कोच की कहानी है, बल्कि यह खेल भावना और जीतने के जुनून की कहानी भी है। तो अगर आप एक ज़िंदादिल इंसान हैं जो सपनों की उड़ान को पंख लगाने की चाह रखते हैं, तो 'माइदान' आपके लिए एक ज़रूर देखने वाली फिल्म है।