Murasoli Selvam : तमिलनाडु की राजनीति का एक अहम स्तंभ



Murasoli Selvam

द्रविड़ आंदोलन के प्रणेता और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के संस्थापक अन्नादोराई के शब्दों में तमिलनाडु की राजनीति के "गोल्डन बॉय" को 'मुरसोलि' सेल्वम के नाम से जाना जाता था।

मुरसोलि सेल्वम का जन्म 1937 में तमिलनाडु के थिरुवारूर जिले के वलंगिमन नामक एक गाँव में हुआ था। उनके पिता एम. सेल्वराजन एक शिक्षक थे और उनकी माता एम. कमला एक गृहिणी थीं।

सेल्वम की शिक्षा तमिलनाडु के तंजावुर जिले के कल्लनानकुडी में हुई। उन्होंने तमिलनाडु विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

सेल्वम 1957 में द्रमुक में शामिल हुए। वह पार्टी के आधिकारिक समाचार पत्र 'मुरसोलि' के संपादक बने। उन्होंने 'मुरसोलि' को तमिलनाडु में एक लोकप्रिय समाचार पत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सेल्वम एक कुशल पत्रकार और लेखक थे। उन्होंने कई किताबें लिखीं, जिनमें "तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन" और "तमिलनाडु की राजनीति" शामिल हैं।

सेल्वम द्रमुक के एक प्रमुख नेता थे। वह 1971 से 1976 तक तमिलनाडु विधानसभा के सदस्य रहे। उन्होंने 1989 से 1991 तक द्रमुक सरकार में मंत्री के रूप में भी काम किया।

सेल्वम का निधन 2023 में बैंगलोर में 85 वर्ष की आयु में हुआ। उनकी मृत्यु तमिलनाडु की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति थी।

सेल्वम एक प्रखर पत्रकार और लेखक थे। उन्होंने द्रविड़ आंदोलन और तमिलनाडु की राजनीति पर बहुत कुछ लिखा। उनकी पुस्तकें तमिलनाडु के इतिहास और राजनीति को समझने के लिए महत्वपूर्ण संसाधन हैं।

सेल्वम एक समर्पित द्रमुक कार्यकर्ता थे। उन्होंने पार्टी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह एक लोकप्रिय और सम्मानित नेता थे।