NEET: भारत के छात्रों की परीक्षा और तनाव




आपने शायद "NEET" शब्द के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका क्या मतलब है या यह भारतीय छात्रों के जीवन को कैसे प्रभावित करता है?
NEET का मतलब है "नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट"। यह एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जो भारतीय मेडिकल काउंसिल (MCI) द्वारा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा मेडिकल, डेंटल और आयुष कार्यक्रमों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक पात्रता परीक्षा के रूप में कार्य करती है।
NEET भारतीय छात्रों के बीच बहुत तनाव और चिंता का स्रोत बन गया है। परीक्षा बेहद प्रतिस्पर्धी है, और केवल कुछ ही छात्र इसे पास कर पाते हैं। इसने छात्रों के बीच कोचिंग कक्षाओं और ट्यूशन की संस्कृति को बढ़ावा दिया है, जो आगे तनाव और वित्तीय बोझ पैदा करता है।
कई छात्र NEET की तैयारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करते हैं। परीक्षा की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी प्रकृति छात्रों में चिंता, अवसाद और नींद की समस्याएं पैदा कर सकती है। कुछ मामलों में, छात्रों को तनाव से संबंधित बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है।
NEET के तनावपूर्ण प्रभाव को कम करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। सरकार ने परीक्षा की तैयारी में छात्रों की मदद के लिए कई पहल की हैं, जैसे कि मुफ्त ऑनलाइन संसाधन और मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करना। कई गैर-सरकारी संगठन भी छात्रों को NEET की तैयारी में और परीक्षा से संबंधित तनाव से निपटने में सहायता प्रदान कर रहे हैं।
NEET भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि देश में चिकित्सा पेशेवरों का एक सक्षम पूल हो। हालांकि, परीक्षा की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी प्रकृति छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण तनाव का स्रोत है। NEET से संबंधित तनाव को कम करने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि छात्र एक स्वस्थ और तनावमुक्त वातावरण में अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।