मैं, नीतू डेविड, एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हूं। मैंने धीमी गति से बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज के रूप में खेला है। मैं 1995 से 2008 के बीच भारत की ओर से 10 टेस्ट मैच और 97 वनडे इंटरनेशनल मैचों में दिखाई दी थी।
मैंने अपने करियर की शुरुआत 17 साल की उम्र में की थी। मैं हमेशा से क्रिकेट का शौकीन रही हूं, और मैं जानती थी कि मैं एक दिन भारत के लिए खेलूंगी।
मैं बहुत मेहनत करती थी और हमेशा अपने खेल में सुधार करने का प्रयास करती रहती थी। मैं घंटों तक अभ्यास करती थी और अपने कौशल को निखारने के लिए हमेशा नई तकनीकों की तलाश में रहती थी।
मेरी कड़ी मेहनत रंग लाई और मुझे जल्द ही भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया। मैं अपनी टीम का हिस्सा बनकर बहुत गौरवान्वित थी और मैं भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए दृढ़ थी।
मैंने अपने करियर में कई यादगार पल बिताए हैं। मैं 2005 की महिला विश्व कप टीम का हिस्सा थी और हमने फाइनल तक पहुंचने में सफलता हासिल की थी। 2006 में, मैंने टेस्ट मैच में 8/53 विकेट लिए थे, जो एक भारतीय महिला द्वारा लिए गए सबसे अधिक विकेट हैं।
मैंने 2008 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। मुझे अपने करियर पर गर्व है और मुझे लगता है कि मैंने भारतीय महिला क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में अपनी भूमिका निभाई है।
मैं अब भी क्रिकेट में शामिल हूं। मैं भारत की महिला चयन समिति की अध्यक्ष हूं। मुझे भारतीय महिला क्रिकेट के भविष्य को लेकर बहुत उत्साह है और मुझे विश्वास है कि हम एक दिन विश्व कप जीतेंगे।
मैं अन्य सभी लड़कियों और महिलाओं को यह बताना चाहती हूं कि अगर उनके सपने हैं तो उन्हें कभी हार नहीं माननी चाहिए। कड़ी मेहनत करें, अपने आप पर विश्वास करें और आप जो चाहें हासिल कर सकते हैं।
मैं आपको यह बताना चाहती हूं कि महिलाएं कमजोर नहीं होती हैं। हम मजबूत, स्वतंत्र और सक्षम हैं। हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं जिसके लिए हम अपना मन लगाएं। तो बाहर जाओ और अपने सपनों का पीछा करो।