Nirjala Ekadashi




भगवान विष्णु को समर्पित सबसे पवित्र और कठोर उपवासों में से एक, निर्जला एकादशी का व्रत, भक्तों द्वारा पूरे समर्पण और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस एकादशी में, उपासक न केवल भोजन और पानी से परहेज करते हैं, बल्कि दिन भर उपवास करते हैं और रात में भी नहीं खाते हैं।
निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है। इस वर्ष, यह व्रत 1 जून 2023 को पड़ रहा है। यह व्रत करने वालों का मानना है कि इस दिन भगवान विष्णु स्वयं प्रकट होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
निर्जला एकादशी के लाभ
निर्जला एकादशी व्रत के कई लाभ हैं, जिनमें शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों शामिल हैं।
  • शारीरिक शुद्धि: उपवास शरीर को विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और पाचन तंत्र को आराम देने में मदद करता है।
  • आध्यात्मिक विकास: उपवास इच्छाओं और इंद्रियों को वश में करने में मदद करता है, जिससे आध्यात्मिक जागृति और विकास होता है।
  • पापों का प्रायश्चित: यह माना जाता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से पिछले पापों का प्रायश्चित होता है।
  • विष्णु कृपा: भक्तों का मानना है कि इस दिन भगवान विष्णु अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
निर्जला एकादशी कैसे मनाएं
निर्जला एकादशी व्रत का विधिवत पालन करने के लिए, कुछ नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है:
  • दशमी तिथि की शाम को हल्का भोजन करें।
  • एकादशी तिथि को सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें।
  • भागवत गीता या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • पूरे दिन उपवास करें, जिसमें भोजन और पानी शामिल है।
  • रात में भी उपवास करें।
  • द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद पारण करें।
निजली अनुभव
मैं कई वर्षों से निर्जला एकादशी व्रत करता आ रहा हूं, और मैं हमेशा इस व्रत से आध्यात्मिक शांति और पूर्ति का अनुभव करता हूं। उपवास के दौरान, मैं भौतिक जरूरतों से ऊपर उठ जाता हूं और अपने आंतरिक आत्म से जुड़ जाता हूं। मुझे लगता है कि यह व्रत हमारे आध्यात्मिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कॉल टू एक्शन
यदि आप अपने आध्यात्मिक विकास की तलाश में हैं, तो मैं आपको निर्जला एकादशी व्रत करने के लिए प्रोत्साहित करूंगा। यह एक चुनौतीपूर्ण व्रत है, लेकिन इसके लाभ निश्चित रूप से इसके लायक हैं। अपनी आत्मा को शुद्ध करें, भगवान विष्णु की कृपा पाएं और निर्जला एकादशी व्रत के पवित्र अवसर का लाभ उठाएं।