NTPC: भारत की ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़




भारतीय विद्युत परिदृश्य में NTPC एक अग्रणी और सबसे बड़ी कंपनी है। 1975 में स्थापित, NTPC ने देश के ऊर्जा क्षेत्र को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

NTPC भारत में थर्मल पावर का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 66,000 मेगावाट से अधिक है। कंपनी के पास देश भर में 70 से अधिक थर्मल पावर प्लांट हैं, जो हर साल लगभग 380 बिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करते हैं।

NTPC की यात्रा में प्रमुख मील के पत्थर:

  • 1975: NTPC की स्थापना नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के रूप में हुई।

  • 1983: सिंघरौली थर्मल पावर प्लांट, NTPC का पहला परियोजना, चालू हुआ।

  • 1997: NTPC सार्वजनिक क्षेत्र की पहली कंपनी बन गई जिसे महारत्न का दर्जा प्राप्त हुआ।

  • 2010: NTPC भारत की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी बन गई।

  • 2022: NTPC ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार की घोषणा की।

NTPC का विजन और मिशन

NTPC का मिशन "विश्वसनीय, कुशल और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से बिजली प्रदान करना" है। कंपनी का दृष्टिकोण "एक ऊर्जा नेता बनना है जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करता है।"

NTPC न केवल बिजली उत्पादन बल्कि ट्रांसमिशन और वितरण में भी शामिल है। कंपनी के पास देश भर में 17,000 से अधिक किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइनें और 7,000 से अधिक किलोमीटर लंबी वितरण लाइनें हैं।

सस्टेनेबिलिटी और सामाजिक उत्तरदायित्व

NTPC जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने अपने बिजली संयंत्रों में कई पर्यावरणीय उपाय लागू किए हैं, जैसे धुएं और सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए फ्ल्यू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) प्रणाली।

NTPC अपने परिचालन क्षेत्रों में सामाजिक उत्तरदायित्व परियोजनाओं में भी सक्रिय है। कंपनी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।

NTPC: भविष्य की ओर अग्रसर

NTPC नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर और पवन ऊर्जा में निवेश करके भविष्य की ओर देख रहा है। कंपनी का लक्ष्य 2032 तक 32 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ना है।

NTPC की यात्रा उल्लेखनीय उपलब्धियों और भविष्य के लिए दूरगामी योजनाओं से भरी हुई है। कंपनी भारत की ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़ बनी हुई है और अपने संचालन के माध्यम से देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।