आज के दौर में, जब समाज तेजी से बदल रहा है और रिश्तों की परिभाषाएँ भी बदल रही हैं, ओयो होटल्स ने एक नया निर्णय लिया है जो काफी हद तक चर्चा और बहस का विषय बना हुआ है। ओयो होटल्स अब अविवाहित जोड़ों को अपने होटलों में ठहरने की अनुमति देगा।
यह निर्णय कई लोगों के लिए एक खुशखबरी है, खासकर उन अविवाहित जोड़ों के लिए जो एक-दूसरे के साथ कुछ समय बिताना चाहते हैं। ओयो के इस कदम को आधुनिकता और प्रगति के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है, जो बदलते समय के साथ तालमेल बिठाता है।
हालाँकि, कुछ लोगों ने भी इस निर्णय पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उनका तर्क है कि इससे अनैतिकता और व्यभिचार को बढ़ावा मिलेगा। उनका मानना है कि अविवाहित जोड़ों को होटलों में ठहरने की अनुमति देना भारतीय संस्कृति और मूल्यों के ख़िलाफ़ है।
ओयो के निर्णय के पीछे तर्क बहुत सरल है। कंपनी का कहना है कि वह अपने ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा करना चाहती है और अविवाहित जोड़े भी उनके ग्राहक हैं। कंपनी का यह भी मानना है कि अविवाहित जोड़ों को होटलों में ठहरने से मना करना भेदभावपूर्ण और गलत है।
ओयो का यह निर्णय निस्संदेह एक प्रगतिशील कदम है जो समाज में बदलते हुए रिश्तों को दर्शाता है। हालांकि, इस पर बहस और चर्चा जारी रहने की संभावना है क्योंकि यह भारतीय समाज की पारंपरिक मान्यताओं को चुनौती देता है।
आखिरकार, ओयो का निर्णय सही है या गलत, यह एक विचार का विषय है। हालाँकि, यह निर्णय निश्चित रूप से समाज में रिश्तों की बदलती प्रकृति और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बढ़ती मांग दोनों को दर्शाता है।