RBI की मौद्रिक नीति रेपो दर क्या है?




भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) देश के लिए मौद्रिक नीति के लिए जिम्मेदार है। मौद्रिक नीति, अर्थव्यवस्था पर ब्याज दर, मुद्रा आपूर्ति और अन्य वित्तीय उपायों के उपयोग के माध्यम से आरबीआई द्वारा संचालित नीतियों का एक समूह है।
रेपो दर क्या है?
रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से कम अवधि के लिए धन उधार लेते हैं। यह दर आरबीआई की सबसे महत्वपूर्ण नीति उपकरणों में से एक है क्योंकि यह बैंकों द्वारा उधार ली गई धनराशि की लागत को प्रभावित करती है। बदले में, यह ग्राहकों को दिए गए ऋणों की लागत को प्रभावित करता है।
रेपो दर कैसे तय की जाती है?
रेपो दर को RBI की MPC द्वारा निर्धारित किया जाता है, जो आमतौर पर हर दो महीने में मिलती है। एमपीसी मुद्रास्फीति, आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता जैसी विभिन्न आर्थिक स्थितियों पर विचार करती है ताकि रेपो दर निर्धारित की जा सके।
रेपो दर का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है?
रेपो दर का अर्थव्यवस्था पर कई प्रभाव पड़ सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
* मुद्रास्फीति: रेपो दर में वृद्धि से मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिल सकती है क्योंकि यह अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति को कम करता है।
* आर्थिक विकास: रेपो दर में कमी से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है क्योंकि यह बैंकिंग प्रणाली में धन की आपूर्ति को बढ़ाता है।
* वित्तीय स्थिरता: रेपो दर में वृद्धि वित्तीय स्थिरता में मदद कर सकती है क्योंकि यह अत्यधिक जोखिम लेने को हतोत्साहित करती है।
हाल की रेपो दर में परिवर्तन
हाल के वर्षों में, आरबीआई ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए रेपो दर में कई बदलाव किए हैं।
* जनवरी 2023 में, RBI ने रेपो दर में 0.25% की वृद्धि की, जो 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गई।
* अप्रैल 2022 में, RBI ने रेपो दर में 0.40% की वृद्धि की, जो 4.00% से बढ़कर 4.40% हो गई।
* मई 2022 में, RBI ने रेपो दर में 0.50% की वृद्धि की, जो 4.40% से बढ़कर 4.90% हो गई।
भविष्य की रेपो दर में बदलाव
भविष्य की रेपो दर में बदलाव विभिन्न आर्थिक कारकों पर निर्भर करेगा, जिनमें शामिल हैं:
* मुद्रास्फीति दर
* आर्थिक विकास दर
* वित्तीय स्थिरता जोखिम
RBI आने वाले महीनों और वर्षों में मौद्रिक नीति के विकास की निगरानी करना जारी रखेगा और आवश्यकतानुसार रेपो दर में समायोजन करेगा।