RBI Monetary Policy




आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी द्वि-मासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की है. आइए जानते हैं कि इसमें हमारे लिए क्या खास है.

रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

RBI ने रेपो रेट को 4% पर बरकरार रखा है. इसका मतलब है कि बैंकों को RBI से कम ब्याज दर पर पैसा उधार लेना जारी रखना होगा. इससे बैंकों के लिए लोन देना सस्ता हो जाएगा, जिससे हम सभी को सस्ते लोन मिल सकते हैं.

नीतिगत रुख में बदलाव

RBI ने अपनी नीतिगत रुख को "समायोजन" से बदलकर "पॉजिटिव" कर दिया है. इसका मतलब है कि RBI अब इकोनॉमी को सपोर्ट करने के लिए और कदम उठाने पर विचार कर रहा है.

मुद्रास्फीति का अनुमान संशोधित

RBI ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5% से घटाकर 4.1% कर दिया है. इससे पता चलता है कि RBI को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति अब पहले के अनुमान से कम रहेगी.


इकोनॉमी की वृद्धि का अनुमान बढ़ा

RBI ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने इकोनॉमी की वृद्धि का अनुमान 6.4% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है. इसका मतलब है कि RBI को उम्मीद है कि इकोनॉमी अब पहले के अनुमान से बेहतर प्रदर्शन करेगी.


क्या है इस सबका मतलब?

कुल मिलाकर, RBI की मौद्रिक नीति आर्थिक सुधार के संकेत देती है. रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने और नीतिगत रुख में बदलाव के साथ, RBI यह कह रहा है कि वह अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए तैयार है.

हालांकि, मुद्रास्फीति अभी भी RBI के 2-6% के लक्ष्य से ऊपर चल रही है. इसलिए, RBI को महंगाई को काबू में रखते हुए अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए एक संतुलन बनाना होगा.

लेकिन यह निश्चित रूप से अच्छी खबर है कि RBI हमारी अर्थव्यवस्था के बारे में अधिक सकारात्मक हो रहा है और वह हमारे लिए चीजों को आसान बनाने के लिए कदम उठा रहा है.