SSUHS, क्या आपकी मनमानी के खिलाफ आवाज उठाने वालो को अब घर भेज दिया जाएगा?




प्रस्तावना

समूह और व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए मनमानी चलती रहे। नियमों का उल्लंघन किया जाये और दोषियों को किसी प्रकार का दंड न दिया जाये - ऐसी स्थिति में कोई भी संस्था साख के साथ कायम नहीं रह सकती।


श्रीमंत शंकरदेव स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (SSUHS)के अधिकारियों का ऐसा ही रवैया पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है।


जहां एक तरफ नियमों को बनाया जाता है और उसे तोड़ने पर दंड दिया जाता है वहीं इस विश्वविद्यालय में नियमों के उल्लंघन पर दंड देने के बजाय मामला दबाने की कोशिश की जाती है और दोषी कर्मियों को बचाने की कोशिश की जाती है।

देखने में आ रहा है कि SSUHSमें पिछले कुछ महीनों से नियमों के खुलेआम उल्लंघन का खेल चल रहा है। विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों द्वारा खुद नियमों को तोड़ा जा रहा है और मनमानी की जा रही है। इस सब के बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

विश्वविद्यालय कर्मियों की मनमानी

विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारी खुद को नियमों से ऊपर समझने लगे हैं। वे अपनी मनमानी करते हैं और नियमों की परवाह नहीं करते। कुछ कर्मचारी तो इतने लापरवाह हो गए हैं कि वे अपनी ड्यूटी भी ठीक से नहीं निभाते।

पिछले दिनों विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी की लापरवाही के कारण एक छात्र को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। छात्र ने अपनी फीस जमा कर दी थी, लेकिन कर्मचारी की लापरवाही के कारण उसकी फीस रसीद नहीं बन पाई। जिसके चलते छात्र को अपनी परीक्षा देने में समस्या हुई। इस घटना के बाद भी उस कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।

अधिकारियों की चुप्पी

विश्वविद्यालय के अधिकारी इन सब मनमानियों पर चुप्पी साधे हुए हैं। वे कर्मचारियों की गलतियों पर पर्दा डालने की कोशिश करते हैं। कई बार छात्रों और कर्मचारियों ने अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की।

छात्रों और कर्मचारियों में नाराजगी

विश्वविद्यालय के अधिकारियों की इस मनमानी और चुप्पी से छात्रों और कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। छात्रों का कहना है कि अगर विश्वविद्यालय के अधिकारी खुद नियमों को नहीं मानेंगे तो छात्रों से नियमों का पालन करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।

इसके अलावा छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय का माहौल खराब हो रहा है। कर्मचारियों की मनमानी के कारण छात्रों को परेशानी हो रही है। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि वह कर्मचारियों की मनमानी पर रोक लगाए और विश्वविद्यालय का माहौल सुधारे।

निष्कर्ष

SSUHS के अधिकारियों को अपने व्यवहार पर विचार करना चाहिए। उन्हें अपनी मनमानी पर रोक लगानी चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए।

अगर अधिकारी नियमों का पालन नहीं करेंगे तो छात्रों और कर्मचारियों का विश्वास विश्वविद्यालय से उठ जाएगा। अधिकारियों को विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए।