Sukhbir Badal: Punjab Ke Uthatte Sitare Ki Kahani
अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों में, सुखबीर सिंह बादल को अपने पिता, प्रकाश सिंह बादल की छाया में रहना पड़ा। लेकिन, समय के साथ, उन्होंने खुद को एक सक्षम और लोकप्रिय नेता साबित किया। 2009 में, उन्हें पंजाब का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया, और 2011 में, उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया।
बादल एक विवादित व्यक्ति रहे हैं, और उन पर भ्रष्टाचार और सिख विरोधी होने का आरोप लगाया गया है। हालाँकि, उन्होंने पंजाब के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने राज्य में बुनियादी ढांचे में भारी निवेश किया है, और उन्होंने कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने के लिए कदम उठाए हैं।
बादल का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित है। वह वर्तमान में जेल में हैं, और उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि, उनके समर्थक अभी भी वफादार हैं, और वह पंजाब की राजनीति में एक शक्तिशाली ताकत बने हुए हैं।
पंजाब के नवोदित राजनेता
सुखबीर सिंह बादल का जन्म 9 जुलाई 1962 को पंजाब के फरीदकोट में हुआ था। वह प्रकाश सिंह बादल और सुरिंदर कौर बादल के सबसे बड़े बेटे हैं। बादल एक धनी जाट किसान परिवार से आते हैं और उनकी शिक्षा लॉरेंस स्कूल, सनावर और पंजाब विश्वविद्यालय से हुई।
बादल ने 1996 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की, जब वे गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। उन्हें 1997 और 2002 में फिर से चुना गया। 2007 में, उन्हें जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र से चुना गया।
बादल ने 2009 से 2011 तक पंजाब के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। 2011 में, उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया। उन्होंने 2017 तक इस पद पर कार्य किया।
विवादों और आरोप
बादल अपने राजनीतिक जीवन भर विवादों में घिरे रहे हैं। उन पर भ्रष्टाचार, सिख विरोधी होने और अवैध खनन का आरोप लगाया गया है।
2017 में, बादल को कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें पंजाब सरकार द्वारा कथित तौर पर नशे की लत के इलाज के लिए दवाओं की खरीद में घोटाला किया गया था। उन्हें 2021 में जमानत पर रिहा किया गया था।
बादल पर 1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया है। उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया है।
बादल पर अवैध खनन में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया है। उन्होंने इन आरोपों का भी खंडन किया है।
प्रमुख उपलब्धियां
विवादों के बावजूद, बादल ने पंजाब के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने राज्य में बुनियादी ढांचे में भारी निवेश किया है, और उन्होंने कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने के लिए कदम उठाए हैं।
बादल ने पंजाब इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (PIDB) की स्थापना की, जिसने राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश किया है। PIDB ने राज्य में कई प्रमुख परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है, जिसमें चंडीगढ़-लुधियाना राजमार्ग, पंजाब यूनिवर्सिटी में नया कैंपस और श्री अमृतसर साहिब में नए हरमींदर साहिब कॉम्प्लेक्स का निर्माण शामिल है।
बादल ने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए भी कदम उठाए हैं। उन्होंने राज्य में पुलिस बलों को मजबूत किया है, और उन्होंने भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कदम उठाए हैं।
अनिश्चित भविष्य
बादल का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित है। वह वर्तमान में जेल में हैं, और उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि, उनके समर्थक अभी भी वफादार हैं, और वह पंजाब की राजनीति में एक शक्तिशाली ताकत बने हुए हैं।
यदि बादल को भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी कर दिया जाता है, तो उनके वापस राजनीति में लौटने की संभावना है। हालाँकि, यदि उन्हें दोषी ठहराया जाता है, तो उनका राजनीतिक करियर समाप्त हो सकता है।