वाज्जाक या वाझ्जिनाथा, केरल के तृश्यर जिले में त्रिशूर शहर के पास इरिनजलकुडा में स्थित है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर अपने सुंदर वास्तुकला और विस्तृत वार्षिक उत्सव के लिए प्रसिद्ध है।
इस मंदिर की उत्पत्ति की सटीक तिथि अज्ञात है, लेकिन माना जाता है कि यह 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। किंवदंती है कि इस क्षेत्र पर एक शक्तिशाली राक्षस, कंबासुरा का शासन था, जो ऐसा तांडव और अत्याचार करता था जिसने लोगों के जीवन को कष्टमय बना दिया था।
लोगों की पीड़ा को देखते हुए, भगवान शिव ने अपनी शक्ति से उस राक्षस को नष्ट कर दिया। राक्षस के मरने पर, उसकी राख से 12 ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए। इनमें से एक ज्योतिर्लिंग वाज्जाक में स्थापित है।
वाज्जाक मंदिर की विशेषताएँ:वाज्जाक मंदिर एक पवित्र स्थल है जो आध्यात्मिकता, इतिहास और संस्कृति का संगम है। यह श्रद्धालुओं के लिए शांति और मोक्ष पाने के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
अगर आप कभी केरल आते हैं, तो वाज्जाक मंदिर जरूर जाएँ। यह एक अद्भुत अनुभव होगा जिसकी यादें आपके मन में हमेशा रहेगी।